अब जितने अधिक मुकाबले आईपीएल में धोनी खेलेंगे ऐसा लगता है वह अपने कार्यकलाप से खुद ही अपनी फजीहत कराते जाएंगे। इस आईपीएल के पहले तक महेन्द्र सिंह धोनी को लोग अलग नजरिए से देखते थे भले ही तमाम आरोप उनपर लगते रहे हों लेकिन इस आईपीएल सीजन महेन्द्र सिंह धोनी के दो फैसले काफी हद तक खेलभावना के विपरीत थे।
पहली बार पंजाब किंग्स के खिलाफ डेरिल मिचेल को सिंगल लेने से इन्कार करना और फिर आखिरी लीग मैच में आरसीबी और विराट कोहली को जीत के बाद मैदान पर हाथ मिलाने से पहले ही मैदान से वापस चले आना।
Mahendra Singh Dhoni Retirement
महेन्द्र सिंह धोनी के बारे में जब युवराज सिंह के पिता सरेआम स्वार्थी होने का आरोप लगा रहे थे तो यकीन ही नही हो रहा था। इस सीजन धोनी का व्यहवार देखकर अनायास ही योगराज सिंह के विश्वकप 2019 को लेकर धोनी के ऊपर दिए गया विवादास्पद बयान याद आ जाता है। विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम साल 2019 वनडे विश्वकप के सेमीफाइनल में नजदीकी मुकाबले में न्यूजीलैंड से हार गयी थी। इस मैच में धोनी ने बेहद धीमी बल्लेबाजी की थी।
धोनी पर सहवाग,गांगुली,हरभजन,गौतम गंभीर और युवराज सिंह जैसे खिलाङियों को अपनी कप्तानी के दौरान नजरअंदाज करने का भी तमाम लोग आरोप लगाते रहे हैं। लोगों के अनुसार सीनियर खिलाङियों को एक-एक करके धोनी ने किनारे लगा दिया जिससे उनके वर्चस्व को कोई खतरा न हो। क्या धोनी को अब आईपीएल से सन्यास ले लेना चाहिए? धोनी सच में ऐसा ही किए थे या उनको बदनाम किया गया इस पर अपनी राय अवश्य दें।
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